- सप्तर्षि मण्डल
फाल्गुन-चैत महिने से श्रावण-भाद्र महिने तक उत्तर आकाश में सात तारों का समूह दिखाई पड़ता है। इसमें से चार तारें चौकोर तथा तीन तिरछी लाइन में रहते हैं। इन तारों को काल्पनिक रेखाओं से मिलाने पर एक प्रश्न चिन्ह की तरह दिखाई पड़ते हैं। इन्हीं सात तारों को सप्तर्षि मंडल कहते हैं। इन तारों का नाम प्राचीन काल के सात ऋषियों के नाम पर रखा गया है। ये क्रमशः केतु, पुलह, पुलस्त्य, अत्रि, अंगिरा, वशिष्ट तथा मारीचि है। इसे अंग्रेजी में ग्रेट/ बिग बियर या उर्सा मेजर कहते हैं। यह कुछ पतंग की तरह लगते हैं जो कि आकाश में डोर के साथ उड़ रही हो। यदि आगे के दो तारों को जोड़ने वाली लाईन को सीधे उत्तर दिशा में बढ़ायें तो यह ध्रुव तारे पर पहुंचती है।