मंगलवार, 6 अक्तूबर 2009

सनातन की नरमाई चारों धर्मो में कमी लाइ

 हर इन्सान की रक्षक गीता ,
                                                     आज कल होड़ लगी हुई हे की किस का धर्म बडा हे कोनसा धर्म सचा हे मेरा तेरा या उसका ?
                    गीता शास्त्र ने तो साफ़-साफ़ कहा हे की यदि तुझे लगे कि दुसरे का धर्म तुझ से अछा हे तो भी अपने जन्म वाले धर्म को कभी भी ना त्यागना ,अपने स्वधर्म को ना त्यागना उसी स्वधर्म के कर्म को करता जा तू मोक्ष को प्राप्त हो जाए गा |
                              प्रभु कि इस आज्ञा के बाद छोटे-बडे का प्रश्न ही नही उठता ,फिरभी सनातन धर्म के चारों अंग हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई अपने-अपने धर्म को बडा चड़ा कर एक दुसरे का अपमान करने पर तुले हुए हैं |
                       हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई आपसमे भाई-भाई क्यों कि यह चारों ही सनातन धर्म के अंग हें |इन चारों धर्मों को निर्देश देने वाला एक वही सनातन पुरुष परमात्मा ही हे |ऐसा इस लिए भी कह सकते हें कि इन चारों धर्मों को उस परमात्मा ने एक जेसी ही आज्ञा दे रखी ही |जिसमे प्रमुख आगया तो यही हे कि मुझे अर्थात ईश्वर के अतिरिक्त और किसी को सताधारी मत माना |
सदा मुझमे ध्यान लगाना ,निदा चोरी -चकारी ,व्यभिचारी , अपराध(पाप कर्म)से बचना पडोसी से बना कर रखना ,ध्यान रखना तेरे आस-पास रहने वाला कोई भूखा ना रह जाए दुखिये कि यथा योग्य मदद करना
                        हाँ कभी कोई भेष ऐसा मत बनाना कि तेरी पहिचान हो कि तू अमुक समुदाय से हे एक दम सरल सादा भेष हो तेरा कोई विशेष भेष धारण करने कि कोई जरूरत नही |
             आज चारों धर्म चाहे हिन्दू हो या मुसलमान सिख हो या इसाई उस ईश्वर कि इन आज्ञाओं का पालन करने में हीच-किचाता हे |जो इन या ऐसी ही और प्रभु आज्ञाओं का पालन करताहे वही फकीर कहलाता है |फकीर इन चारों धर्मों में आज भी पाया जाता हे |
                       फकीर ही परमात्मा कि आँख का तारा होता है |बाकी मुझे तो कोई भी धर्म जिस का पतन ना हो रहा हो नजर नही आरहा |आइये अब लोट चलें अपने उसी पुराने सनातन धर्म कि ओर उसके बनाये नियमों कि ओर अभी भी वक्त हे सुबहा के भूले को भुला नही कहते |
सनातन पुरुष का गुण-गान हो अपने अपने धर्मानुसार परमात्मा की पूजा हो घंटी घडियाल बजाने नमाज पड़ने गुरबानी पड़ने ओर प्रार्थनाओं का असर तभी दिखाई देगा जब सनातन धर्म में रहते हुए सनातन नियमों का पालन होगा
\             नही तो विचार करलो चारों धर्मों ने विश्व शान्ति के लिए पाठ पूजा की परन्तु हर प्रयास असफल रहा |सनातन वृक्ष की जड़ को सींचने की जरूरत हे आज सनातन वृक्ष पुन्हा हरा-भरा हो जाए गा |प्रयास तो कर के देखो |

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