शनिवार, 5 दिसंबर 2009

सौ वर्षों में पहली बार मालवा अंचल में 'सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय' के उद्देश्य से हो रहे कोटिरूद्र महायज्ञ के लिए साँवेर रोड धरमपुरी स्थित विश्वनाथधाम सज-सँवरकर तैयार है। यहाँ 6 से 31 दिसंबर तक हथियाराम मठ बनारस के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी बालकृष्ण यतिजी के सान्निध्य में देशभर के 330 चुनिंदा विद्वान आचार्य 3 करोड़ रूद्रपाठ के साथ भगवान काशी विश्वनाथ का रूद्राभिषेक करेंगे।




अनुष्ठान के लिए 18 एकड़ भूमि पर यज्ञशाला व प्रवचन पांडाल तथा 21 सौ फुट वर्गाकार व 60 फुट चौड़ा परिक्रमा मार्ग बनाया गया है।




महायज्ञ का शुभारंभ 6 दिसंबर को सुबह 9.15 बजे होगा। यह दो चरणों में होगा। 6 से 31 दिसंबर तक प्रतिदिन सुबह 9 से दोपहर 1 बजे व दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक होने वाले अभिषेकात्मक यज्ञ में एक प्रधान यजमान और 11 यजमान काशी विश्वनाथ का रूद्राभिषेक करेंगे। इस दौरान प्रतिदिन गौदुग्ध की अखंडधारा से मुख्य यजमान द्वारा दुग्धाभिषेक भी किया जाएगा।



यह अनुष्ठान बनारस के राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त यज्ञाचार्य पं.लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में होगा। इसके बाद 1 से 11 जनवरी तक हवनात्मक यज्ञ के तहत 150 यजमान 25 कुण्डों पर विद्वान ब्राह्मणों के निर्देशन में कोटिरूद्र महायज्ञ संपन्न करेंगे। इसकी शुरुआत 1 जनवरी को ऐतिहासिक शोभायात्रा के साथ होगी। 1 जनवरी से वृंदावन के प्रख्यात रासाचार्य पद्मश्री स्वामी रामस्वरूपजी शर्मा के निर्देशन में रासलीला और 2 जनवरी से राजकोट की प्रख्यात भागवत मर्मज्ञ मीराबेन के सान्निध्य में भागवत कथा होगी। जिसका आयोजन दोपहर 2 बजे से होगा।
                                                         बापरे  बाप जरा विचार तो करलें क्या यह  महा यग्य अश्व मेघ यग्य से भी बड़ा हें |जब अश्वमेघ यग्य सम्पूर्ण नही हो सका तो इस की क्या गारंटी है?
क्या विद्वानों को और कोई साधन सभी के हित के लिए नही सोचना चाहिए था?

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