गुरुवार, 6 अगस्त 2009

श्री कृष्ण ने कहा

मन की हलचल भगवान श्री कृष्ण ने अपनी दयालुता का परिचय इस प्रकार --------------------------------------- दिया जेसे बिजली का बटन दबाते ही पंखा चलने लग जाता हे---- sऋ कृष्ण ने बिना बात को इधर उधर घुमाये अर्जुन के प्रश्न का.ही उतर देना शुरू किया भगवान ने अर्जुन को बताया हे अर्जुन तूंशोक ग्रस्त क्यों हो गया हे ?भले-बुरे केसे लोगों के लिए शोक कर रहा हे तू किसी ऐसे मनुष्य के लिए शोक नही कर रहा जिस के लिए शोक किया जा सकता हो उल्टा पंडितों(विद्वानों)जेसी बातें कर रहा हे विद्वान -पंडित जन जो मर चुके हें या जिनके अभी प्राण नही छूटेहें ,विद्वान लोग उनका शोक नही किया करते ----------------------------------------------------------------------------------------------------- धर्म क्याहे ? बिना जाने । दी हवा धार्मिकता को धार्मिकता की बू को -------खसबू साबित करने की -----------नाकाम कोशिश भी की --------पर सचाई न चुप सकी ------ बनावट के उसूलों से -------क्या ख्श्बू कभी आई हे ---------कागज के फूलों से ------रब एक सच -----बाकि के जब --------इन दोनों को की लोग आजमा चुके हें --------रावण ,ह्र्नाक्श्य्प भी -----------नाशवान दुनिया से जा चुके--------कब तक इस स्काई से मुह छुपाओ गे -----मोट सच हे उसके भी दिन आयें गे ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

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